1893: शिकागो धर्म महासभा
“उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
1896: भारतीय संस्कृति पर विचार
“आप जो सोचते हैं, वही आप बन जाते हैं।”
1897: जीवन का उद्देश्य
“अपने आत्मविश्वास को मजबूत बनाओ, फिर जीवन के रास्ते खुद खुलेंगे।”
1900: मानवता का उद्देश्य
“जो कुछ भी हम करते हैं, वह समग्रता और मानवता के कल्याण के लिए होना चाहिए।”